वहनीयता अब एक नारा नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है: राष्ट्रपति मुर्मू

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि वहनीयता अब एक नारा नहीं बल्कि एक आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ के 12वें राष्ट्रीय छात्र दीक्षांत समारोह 2025 में राष्ट्रपति ने यह बात कही।
जलवायु परिवर्तन के संकट का उल्लेख करते हुए मुर्मू ने कहा, ‘‘ वहनीयता अब एक नारा नहीं रह गया है, बल्कि यह एक आवश्यकता बन गई है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि अब समय वह नहीं है कि कॉरपोरेट संगठन केवल लाभ कमाने के उद्देश्य से काम करें बल्कि अब उन्हें पर्यावरणीय लागतों को ध्यान में रखना होगा।

मुर्मू ने कहा, ‘‘ इसमें आप (लागत लेखाकार) अपने कौशल से ग्रह के भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि लेखांकन और जवाबदेही का संबंध गहरा है।
कार्यक्रम में कॉर्पोरेट मामलों की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने लागत एवं प्रबंधन लेखाकारों से प्रौद्योगिकी, नवाचार और तत्परता अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि देश को 30000 अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सफर में लागत और प्रबंधन लेखाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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