अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिका की दोहरी चाल एक बार फिर से उजागर हो गई है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के बीच हुई बैठक ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कैबिनेट रूम में हुई इस बंद कमरे की मुलाकात के बाद एक औपचारिक लंच का भी आयोजन किया गया। जिससे ये संकेत साफ हो गया है कि अमेरिका पाकिस्तान को साथ लेकर चल रहा है। वहीं पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने न केवल पाकिस्तानी आर्मी चीफ की तारीफ की बल्कि ये तक कह दिया कि उनसे मिलकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह पहली बार था जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान के सेना प्रमुख से लंच मीटिंग कर रहा था। मुनीर को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों पर व्यापक रूप से प्रभाव रखने वाला माना जाता है।
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ट्रंप ने फंसाने के लिए जाल फेंका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक खतरनाक खेल खेलना चाहते थे। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी को इसीलिए अमेरिका बुला रहे थे ताकी उन्हें फंसा सके। ट्रंप एक जाल फेंक रहे थे, जिसमें वो भारत को फंसा सके। लेकिन ट्रंप शायद जानते नहीं हैं कि पीएम मोदी क्या चीज हैं। डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग में क्या चल रहा था, वो जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे।
ट्रंप की साजिश को भारत ने मिट्टी में मिलाया
पीएम मोदी के कनाडा आने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका भाग लिए। ट्रंप जानते थे कि जी7 बैठक के दौरान अगर वो पीएम मोदी से मिलते हैं तो वहां मौजूद दुनियाभर की मीडिया उनसे सवाल करती कि पाकिस्तान में सीजफायर किसने करवाया था। अगर ऐसा होता तो पीएम मोदी ट्रंप और दुनिया के सामने बोल देते की सीजफायर भारत ने करवाया है और न ही अमेरिका ने। पीएम मोदी ट्रंप का फैक्ट चेक कर देते। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका भागना ही उचित समझा और वहां जाकर पीएम मोदी से कहा कि आप यहीं मुझसे मिलने आ जाइए। ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन मिलाकर न्यौता इसलिए दिया क्योंकि उनके दिमाग में खतरनाक प्लान चल रहा था।
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सीजफायर पर हो चुकी है अमेरिकी राष्ट्रपति की फजीहत
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप ने मोदी को अमेरिका बुलाने का वही वक्त चुना जिस वक्त पाकिस्तान के फेल्ड मार्शल आसिम मुनीर भी मौजूद हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो ट्रंप आसिम मुनीर के कंधे पर बंदूक रखकर एक बार फिर भारत पर निशाना लगाना चाहते थे। दरअसल, पाकिस्तान के साथ सीजफायर के दावे पर ट्रंप काफी फजीहत झेल चुके हैं। ट्रंप को अंदाजा नहीं था कि भारत दुनिया के सामने सच्चाई बता देगा और उनकी पोल खुल जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपतियों को शायद इतनी बेइज्जती की आदत नहीं रही है। ट्रंप ने चाल चली और ठीक उसी वक्त पीएम मोदी को अमेरिका बुलाया जिस वक्त पाकिस्तान का आर्मी चीफ वहां बैठा था। लेकिन इस चाल को भांपते हुए पीएम मोदी ने अमेरिका जाने से साफ साफ मना कर दिया।
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