Parenting Tips: जब कोई शख्स शादी के बंधन में बंधता है तो तो उनके सामने एक नयी जिम्मेदारी संभालने के साथ साथ कई तरह की चुनौतियां आती हैं. यह एक ऐसा बंधन है जिसमें दो परिवार के बीच का रिश्ता का एक जटिल डोर में बंधता है. बेटी की जरा सी चूक दो परिवारों के बीच संबंध खराब कर सकता है. ऐसे में हर माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपनी बेटी को इस नई यात्रा के लिए मानसिक, भावनात्मक और व्यावहारिक रूप से तैयार करें. बेटियों को शादी से पहले सिर्फ किचन टिप्स या कपड़ों की सलाह देना ही काफी नहीं है. उन्हें आगे आने वाली जिंदगी से जुड़ी वो सच्चाई और ज्ञान देना जरूरी है जो उन्हें आत्मनिर्भर और समझदार बनाएं.
आत्मसम्मान कभी न खोने देना
शादी के बाद अक्सर महिलाएं रिश्तों को निभाने के चक्कर में खुद को भुला देती हैं. बेटियों को यह जरूर समझाएं कि समझौता रिश्ते का हिस्सा है, लेकिन आत्म-सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए.
बेटियों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनना जरूरी
अक्सर देखा जाता है कि जब बेटी शादी होकर किसी के घर जाती है तो घर के आर्थिक मोर्चों की जिम्मेदारी पुरुषों के कंधे ही पर ही होती हैं. लेकिन शादी से पहले बेटियों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ पैसों को नियंत्रित करने का भी ज्ञान देना जरूरी है. भले ही वह परिवार आर्थिक रूप से सुख संपन्न क्यों न हो. इससे उनका आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.
शादी का मतलब यह नहीं कि लड़कियां सिर्फ त्याग करें
बेटी को यह बताना जरूरी है कि शादी में का मतलब सिर्फ रोमांस नहीं होता बल्कि यह रिश्ता जिम्मेदारी, संवाद और समझदारी से मजबूत बनती है. शादी का रिश्ता एक ऐसा टीमवर्क है, जहां दोनों पार्टनर बराबर के खिलाड़ी होते हैं.”
ससुराल को अपनाएं लेकिन खुद को न भूलें
बेटी को शादी से पहले नई जगह और नए लोगों के बीच समंजस्य बैठाने की सलाह जरूर दें. उन्हें बताएं कि जिंदगी में परिस्थियों के अनुसार बदलाव करना जरूरी है लेकिन इस प्रक्रिया में वह अपनी पहचान, अपने शौक और अपनी पसंद को खो न दें.
रिश्तों में संवाद सबसे जरूरी है
शादीशुदा जिंदगी में कई गलतफहमियां केवल कम्युनिकेशन गैप के कारण होती है. इसलिए बेटी को यह जरूर बताएं कि हर बात को अपने अंदर न रखें बल्कि पार्टनर के साथ खुलकर साझा करें.
ससुराल वालों से जरूरी है हेल्दी बॉन्ड बनाना
बेटियों को यह भी सिखाएं कि ससुराल में सबको अपना बनाने के लिए धैर्य, समझ और इज्जत की जरूरत होती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह हर चीज सहन करते हुए आगे बढ़े.
अपनी सेहत और मेंटल वेलनेस को नजरअंदाज न करें
शादी के बाद महिलाएं अपनी प्राथमिकताओं को पीछे कर देती हैं. उन्हें समझाएं कि खुश रहने के लिए खुद का ख्याल रखना जरूरी है. चाहे वह फिजिकल हेल्थ हो या मानसिक स्वास्थ्य. उन्हें बताएं कि वह खुश रहेगी, तभी अपने रिश्ते और परिवार को भी खुश रख सकेगी.
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