जंग के बीच जिनपिंग का बड़ा बयान, ईरान सुनकर खुश हो जाएगा, नेतन्याहू की बढ़ेगी टेंशन

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इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में अमेरिका की किसी वक्त भी एंट्री होने की आशंका तेज हो गई है। ट्रंप ने जिस तरह से जी7 की बैठक को बीच में ही छोड़कर निकलने का निर्णय लिया और आनन फानन में रक्षा मंत्री समेत अपने सलाहकारों की बैठक बुलाई। उससे इस जंग के और बड़ने की आशंका तेज हो गई है। वहीं अब ईरान और इजरायल की जंग में चीन की भी एंट्री होती नजर आ रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। इजरायल की तरफ से ईरान पर किए गए सैन्य कार्रवाई को लेकर चीन ने चिंता जताई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इजरायल का ईरान को लेकर जो रुख है। लगातार इजरायल की तरफ से मिसाइल हमले किए जा रहे हैं। उसको लेकर चीन बहुत चिंतित हो उठा है। 

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शी जिनपिंग की तरफ से कहा गया है कि इजरायल ने मीडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा दिया है। चीन ने कहा है कि मीडिल ईस्ट में जो हालात बने हुए हैं, उसके लिए इजरायल जिम्मेदार है। चीन इजरायल को तनाव के लिए कसूरवार मान रहा है और जिम्मेदार ठहरा रहा है। इससे पहले विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों देशों से संपर्क किया है क्योंकि उनके बीच कई दिनों से चल रहा संघर्ष समाप्त होने की ओर नहीं दिख रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने सोमवार को एक नियमित ब्रीफिंग में कहा कि अगर इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता है या यहां तक ​​कि फैलता है, तो मध्य पूर्व के अन्य देशों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। चीन संबंधित पक्षों के साथ संवाद बनाए रखेगा और शांति के लिए बातचीत को बढ़ावा देगा, ताकि क्षेत्र में और अधिक उथल-पुथल को रोका जा सके। 

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चीन की यह टिप्पणी पिछले हफ़्ते ईरान पर इजरायल के हमले की निंदा करने के बाद आई है, जो पिछले हफ़्ते शुरू हुआ था और दोनों पक्षों की ओर से लगातार सैन्य कार्रवाई देखी गई है। इसका रुख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख से अलग है, जो संघर्ष को कम करने का आग्रह करने वाले ग्रुप ऑफ सेवन के प्रस्तावित बयान में शामिल नहीं होंगे और जिन्होंने ईरान की राजधानी तेहरान को खाली करने का आह्वान करके बाजारों को झकझोर दिया था। 

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तेहरान में एक चीनी मालवाहक विमान के उतरने की खबर ने इन अटकलों को और तेज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि इस विमान ने अपने ट्रांसपोंडर बंद कर दिए थे, ताकि यह रडार की पकड़ में न आ सके। माना जा रहा है कि इसी के जरिए चीन ने ईरान को बड़ी संख्या में हथियार सप्लाई किए हैं। इस तरह ट्रांसपोंडर बंद करके चीनी मालवाहक विमान का तेहरान में उतरना एक गुप्त ऑपरेशन की ओर इशारा करता है। चीन और ईरान के बीच रणनीतिक साझेदारी और सैन्य सहयोग के इतिहास को देखते हुए माना जा रहा है कि इसमें सैन्य उपकरण या प्रतिबंधित सामान हो सकता है।  

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