क्या ईरान में सुप्रीम लीडर अब बदलने वाला है? अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी को लेकर ये हैं शीर्ष 5 दावेदार

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दुनिया में किसी भी मुल्क की पहचान कैसे बनती है? कई सारे मानक हैं, मसलन उसका इतिहास, उसकी संस्कृति, उसका भौगोलिक परिवेश। इन सबसे इतर एक और चीज है जो किसी देश की चाल और उसका चरित्र तय करती है। उस देश को चलाने वाली सरकारें, उस सरकार का मुखिया। यह फार्मूला ईरान पर भी लागू होता है। लेकिन राष्ट्रपति ईरान का सर्वोच्च अधिकारी होता है। मगर शक्तियों के लिहाजे बड़ी अथॉरिटी हैं सुप्रीम लीडर की होती है। वही सुप्रीम लीडर जो बात बात पर इजरायल को धमकाते, नेतन्याहू को देख लेने की धमकी देते और ट्रंप की धमकियों से बेपरवाह नजर आ रहे हैं। इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच इस्लामिक रिपब्लिक के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेकर ट्रंप ने जो कहा वो काफी अहम हो जाता है। ट्रंप ने कहा है कि उन्हें पता है कि खामनेई कहां हैं। फिलहाल उन्हें मारने का अमेरिका का कोई प्लान नहीं है। इससे पहले इजरायल की तरफ से भी साफ किया जा चुका है कि खामनेई का हश्र भी सद्दाम हुसैन जैसा हो सकता है। ऐसे में ईरान में अगले सुप्रीम लीडर को लेकर भी चर्चा तेज हो चली है। आइए जानते हैं कि संभावित अगली सूची में कौन-कौन शामिल हैं?

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1. मोजतबा खामेनेई 
अयातुल्ला के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई का जन्म 1969 में मशहद में हुआ। प्रभावशाली शिक्षकों द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ ही मोजतबा ने धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और अपने पिता की राह पर चलते हुए मौलवी बन गए थे। वो आज भी ईरान के सबसे बड़े इस्लामी मदरसा क़ोम सेमिनरी में धर्मशास्त्र पढ़ाते हैं। मोजतबा खामेनेई काफी हद तक लोगों की नजरों से दूर रहे हैं। हालांकि पिछले दो वर्षों में तेहरान में उनका महत्व बढ़ा है। मोजतबा खामेनेई ईरानी राजनीति में अधिक सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने शासन में निर्णय लेने में भूमिका निभाई है। 2005 और 2009 में हुए चुनावों में मोजतबा खामेनेई ने महमूद अहमदीनेजाद का समर्थन किया। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 2009 में राष्ट्रपति की जीत में भूमिका निभाई थी और कथित तौर पर चुनाव के बाद ईरान में भड़के विरोध प्रदर्शनों को दबाया था। हालाँकि, अहमदीनेजाद द्वारा मोजतबा पर सरकारी खजाने से धन के गबन का आरोप लगाने के बाद दोनों के बीच संबंधों में खटास आ गई। 2021 में मोजतबा खामेनेई को अयातुल्ला की उपाधि दी गई, जो ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में सेवा करने के लिए एक संवैधानिक आवश्यकता है। 
2. अलीरेजा अराफी
अलीरेजा अराफी खामेनेई के बेहद भरोसेमंद सहयोगी हैं। अराफी असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स के डिप्टी चेयरमैन, गार्जियन काउंसिल के सदस्य और क़ोम में शुक्रवार की नमाज़ के नेता समेत कई अहम पदों पर हैं। ईरान की सत्ता संरचना के बारे में उनका ज्ञान और समझ काफी अच्छी है।

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3. अली असगर हेजाजी
अली असगर हेजाजी खामेनेई के कार्यालय में राजनीतिक सुरक्षा मामलों की देखभाल करते हैं। प्रशासन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाने जाने वाले, वे ईरान की खुफिया जानकारी को संभालते रहे हैं और रक्षा और रणनीति के मामले में निर्णय लेने में एक अपूरणीय भूमिका निभाते हैं। 
4. मोहम्मद गोलपायेगानी
मोहम्मद गोलपायेगानी लंबे समय से खामेनेई के कार्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर कार्यरत हैं और उनके सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। खामेनेई के बेहद भरोसेमंद माने जाने वाले मोहम्मद गोलपायेगानी को ईरानी प्रशासनिक व्यवस्था के काम करने के तरीके की व्यापक जानकारी है। 
5. विशेषज्ञों की सभा
साल 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से अब तक सिर्फ़ दो लोग सर्वोच्च नेता के पद तक पहुँचे हैं। इनमें से पहले ईरानी गणतंत्र के संस्थापक अयातुल्लाह रुहोल्ला ख़ुमैनी थे और दूसरे उनके उत्तराधिकारी अयातोल्लाह अली ख़ामेनेई हैं। सर्वोच्च नेता ईरान की सशस्त्र सेनाओं का प्रधान सेनापति होता है। सर्वोच्च नेता के अलावा ईरान में संसद और विशेषज्ञों की समिति भी है। ईरान में 290 सदस्यों वाली संसद मजलिस को हर चार सालों में आम चुनाव के माध्यम से चुना जाता है। विशेषज्ञों की समिति 88 सदस्यों की मज़बूत संस्था है, जिसमें इस्लामिक शोधार्थी और उलेमा शामिल होते हैं।  इस संस्था का काम सर्वोच्च नेता की नियुक्ति से लेकर उनके प्रदर्शन पर नज़र रखना होता है। 

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