Modi Diplomacy में बड़े देश ही नहीं, Croatia जैसे छोटे राष्ट्र भी रखते हैं महत्वपूर्ण स्थान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रोएशिया यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखी जा रही है। यह यात्रा न केवल भारत-क्रोएशिया द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक ठोस कदम रही, बल्कि यूरोपीय संघ के भीतर भारत की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की रणनीति का हिस्सा भी है।
हम आपको बता दें कि क्रोएशिया भले ही क्षेत्रफल और आबादी में एक छोटा देश हो, लेकिन यह भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह यूरोपीय संघ (EU) और नाटो (NATO) दोनों का सदस्य है, और बाल्कन क्षेत्र में इसकी स्थिति इसे यूरोप के दरवाज़े के रूप में प्रस्तुत करती है। भारत के लिए क्रोएशिया के साथ मज़बूत संबंध बनाना न केवल यूरोपीय बाजारों तक बेहतर पहुँच देता है, बल्कि पश्चिमी बाल्कन में स्थिरता और निवेश के नए अवसर भी खोलता है।

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हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान अर्थव्यवस्था, रक्षा, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में कई अहम समझौते किए गए। दोनों देशों ने आईटी, फिनटेक, ब्लू इकोनॉमी और जलवायु परिवर्तन जैसे भविष्य के क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। वहीं क्रोएशिया ने भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देखा है और भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियानों में क्रोएशियाई निवेश को भी प्रोत्साहित किया गया है।
इसके अलावा, भारत और क्रोएशिया के बीच रक्षा सहयोग को लेकर बातचीत को प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से एक नई दिशा मिली है। इस यात्रा में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा उपकरणों में साझेदारी और समुद्री सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा हुई। भारत ने बाल्कन क्षेत्र में आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ सहयोग को भी प्राथमिकता दी है।
हम आपको बता दें कि भारत और क्रोएशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध ऐतिहासिक हैं, जहाँ योग, आयुर्वेद, भारतीय दर्शन और बॉलीवुड के प्रति क्रोएशियाई जनता में गहरी रुचि है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने इन संबंधों को और गहरा किया। दोनों देशों ने छात्रों और शिक्षाविदों के आदान-प्रदान और भारतीय भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति केंद्र स्थापित करने पर भी सहमति जताई। इसके अलावा, भारत और क्रोएशिया ने संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन और जलवायु मंचों पर एक-दूसरे के समर्थन की बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात कर वैश्विक शांति, बहुपक्षीयता और सतत विकास जैसे विषयों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रोएशिया यात्रा दर्शाती है कि भारत अब केवल बड़ी शक्तियों तक सीमित नहीं, बल्कि वह हर क्षेत्रीय और रणनीतिक साझेदार को समान दृष्टि से महत्व दे रहा है। क्रोएशिया जैसे देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाकर भारत न केवल अपनी यूरोपीय नीति को व्यापक बना रहा है, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन में भी अपनी भूमिका को सशक्त कर रहा है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ वार्ता के बाद मीडिया में दिए अपने बयान में कहा कि उन्होंने और प्लेंकोविक ने इस पर सहमति जतायी कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और यह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली ताकतों के लिए दुश्मन के समान है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह और प्लेंकोविक दोनों ‘‘इस बात का समर्थन करते हैं कि चाहे यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदानों से नहीं पाया जा सकता है।’’ 
हम आपको बता दें कि वार्ता में दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) समेत क्षेत्रीय संपर्क मजबूत करने की महत्ता पर भी सहमति जतायी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्रोएशिया मध्य और दक्षिण-पूर्वी यूरोप में भारत के प्रवेश द्वार के रूप में काम कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जोरान मिलनोविक से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में कनाडा से बुधवार सुबह जगरेब पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा छोटी भले रही लेकिन काफी फलदायी रही। हम आपको बता दें कि मोदी ‘बाल्कन’ (दक्षिण पूर्वी यूरोप का क्षेत्र) राष्ट्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

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