Bihar Tourist Places: बिहार की प्राकृतिक सुंदरता बारिश में और भी निखर जाती है, लेकिन इसी मौसम में कुछ पर्यटन स्थल ऐसे भी हैं जो बेहद जोखिम भरे हो जाते हैं. चाहे वो दलदली झीलें हों, पहाड़ी झरने या घने जंगल, तेज बारिश, जलभराव, फिसलन और अचानक जलस्तर का बढ़ना जैसी स्थितियां पर्यटकों के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं. इसमें हम बात करेंगे ऐसे ही प्रमुख स्थानों की, जहां मानसून के दौरान यात्रा से बचना ही समझदारी है.
कांवर झील
मानसून में कांवर झील की यात्रा पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं मानी जाती है. यह झील बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित है और भारत का सबसे बड़ा ताजे पानी का दलदलीय क्षेत्र है. बारिश के दिनों में यहां पानी का लेवल तेजी से बढ़ जाता है जिससे दलदलीय इलाकों में फिसलन, कीचड़ और पानी भराव जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं, जिससे पैदल चलना या गाडी से पहुंचना मुश्किल होता है. इसके अलावा, भारी बारिश के कारण बर्ड वाचिंग जैसी गतिविधियां भी प्रभावित होती है. सुरक्षा, सुविधा और अनुभव को ध्यान में रखते हुए मानसून के समय इस स्थान की यात्रा से बचना ही बेहतर होता है.

कैमूर की पहाड़ियां और झरने
कैमूर की पहाड़ियां और झरने (जैसे – तुतला भवानी, कशिश, तेल्हार कुंद) जितने सुन्दर हैं उतना ही खतरनाक भी. मानसून के दौरान कैमूर झरनों की यात्रा पर्यटकों के लिए जोखिम भरी हो जाती है. भारी बारिश से झरनों में जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे बहाव तेज हो जाता है और फिसलन के कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है. कई बार प्रशासन को सुरक्षा के लिए इन क्षेत्रों को बंद करना पड़ता है. कुछ घटनाओं में पर्यटक पानी में फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू करना पड़ा. इसके अलावा, वज्रपात का खतरा भी इस क्षेत्र में अधिक रहता है. इन कारणों से मानसून के समय कैमूर के झरनों की यात्रा से बचना ही बेहतर और सुरक्षित विकल्प माना जाता है.

मानसर झील
बिहार के वैशाली जिले में स्थित यह झील मानसून के दौरान असुरक्षित हो जाती है क्योंकि भारी बारिश से झील का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियों की बड़े पैमाने पर मौत हो जाती है. इससे पानी दूषित हो जाता है और आसपास के ग्रामीणों के लिए जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, झील के चारों ओर कीचड़ और फिसलन बढ़ जाती है, जिससे पर्यटकों के लिए चलना या झील के पास रुकना जोखिम भरा हो सकता है. इन कारणों से मानसून के समय मानसर झील की यात्रा से बचना ही बेहतर होता है.

ककोलत वॉटरफॉल
ककोलत जलप्रपात, बिहार के नवादा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो अपनी खूबसूरती और धार्मिक मान्यता के लिए जाना जाता है. लेकिन, मानसून के दौरान यह झरना पर्यटकों के लिए बेहद खतरनाक हो जाता है. भारी बारिश के कारण गोविंदपुर की पहाड़ियों से अचानक तेज पानी की धाराएं नीचे गिरती हैं, जिससे झरने के कुंड में जलस्तर 10 से 11 फीट तक बढ़ जाता है. इस दौरान फ्लैश फ्लड, फिसलनभरे पत्थर और लैंड स्लाइड की आशंका पर्यटकों की जान को खतरे में डाल सकती है. इसी कारण कई बार प्रशासन को मानसून में यहां प्रवेश प्रतिबंधित करना पड़ता है. इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इस मौसम में ककोलत झरने की यात्रा से बचना ही बेहतर होता है.

रोहतासगढ़ किला ट्रैक
रोहतासगढ़ किला, बिहार के रोहतास जिले की पहाड़ियों पर स्थित एक प्राचीन दुर्ग है, जो इतिहास, वास्तुकला और ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है. मानसून के दौरान रोहतासगढ़ किले का ट्रेक खतरनाक हो जाता है क्योंकि ट्रेकिंग मार्ग पर कीचड़ और फिसलन के कारण गिरने का खतरा बढ़ जाता है. पहाड़ी इलाकों से तेज बारिश में पानी की धाराएं बहने लगती हैं, जिससे रास्ते बाधित हो सकते हैं या छोटे भूस्खलन की आशंका रहती है. इसके अलावा, ट्रेक रूट पर नेटवर्क की समस्या होने से आपात स्थिति में मदद पाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए बारिश में यह ट्रैक सावधानीपूर्वक या टाल देना बेहतर होता है.

(सुमेधा श्री की रिपोर्ट)
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