Bihar Land Registry: बिहार सरकार ने ‘रोक सूची’ से भूमि के नाम हटाने और नये नाम जोड़ने के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसका सीधा असर मुजफ्फरपुर सहित पूरे राज्य के भूमि मालिकों और रजिस्ट्री प्रक्रिया पर पड़ेगा. यह आदेश राज्य में लंबित पड़े उन हजारों आवेदनों के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो रोक सूची में फंसी जमीनों से संबंधित हैं.
बड़ी संख्या में लोग कर रहे मांग
रजिस्ट्री कार्यालयों में बड़ी संख्या में ऐसे आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, जहां नागरिक अपनी भूमि को रोक सूची से हटाने या उसमें नये नाम/प्लॉट संख्या जोड़ने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, इन आवेदनों पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. अंतिम निर्णय लेने का अधिकार डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी को है.
कमेटी की मीटिंग समय पर नहीं होती. नये निर्देश के बाद अब हर महीने रोक सूची में जमीन को शामिल करने एवं हटाने को लेकर मीटिंग होगी. वर्तमान में जो स्थिति बनी है. यह न केवल सरकारी राजस्व को प्रभावित कर रही है, बल्कि आवेदकों को भी अनावश्यक परेशानी हो रही है. रोक सूची में शामिल भूमि के अवैध हस्तांतरण से भी सरकारी खजाने को नुकसान हो सकता है.
पारदर्शिता और त्वरित समाधान को लेकर फैसला
इस गंभीर समस्या को देखते हुए बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है. इसमें सभी जिलाधिकारियों सह-जिला निबंधकों को निर्देश दिया गया है कि वे रोक सूची से नाम हटाने या प्लॉट संख्या जोड़ने के संबंध में प्राप्त सभी आवेदनों की गहन समीक्षा करें. यह समीक्षा पूर्व में जारी विभिन्न विभागीय पत्रों और न्यायालय के निर्देशों के आलोक में की जायेगी.
बड़ी संख्या में प्रभावित लोगों को मिलेगी राहत
मुजफ्फरपुर में भी बड़ी संख्या में ऐसे मामले लंबित हैं, जहां भूमि रोक सूची में होने के कारण खरीद-बिक्री या हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है. इस नये निर्देश से मुजफ्फरपुर के नागरिकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब उनके लंबित आवेदनों पर त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई की जायेगी.
कहां कितनी जमीन है रोक सूची में
मुशहरी, कुढ़नी, बोचहां एवं मीनापुर प्रखंड में- 61495
सकरा, मुरौल एवं बंदरा प्रखंड में- 9250
कटरा, गायघाट एवं औराई प्रखंड में- 16670
पारू, सरैया एवं साहेबगंज प्रखंड में- 11167
मोतीपुर, कांटी एवं मड़वन प्रखंड में- 18451
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सुलझेगा विवाद, राजस्व में होगी वृद्धि
सरकार के इस फैसले से सरकारी राजस्व में काफी वृद्धि होगा. वहीं, हर महीने डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी की मीटिंग से विवाद भी सुलझेगा. सभी संबंधित सहायक निबंधक, महानिरीक्षक और अवर निबंधक को भी इस संबंध में सूचित किया गया है. ताकि, वे आवश्यक कार्रवाई कर सकें. इस पहल से मुजफ्फरपुर सहित पूरे बिहार में भूमि संबंधित मामलों के निपटान में तेजी आयेगी.
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