इजरायली जेट विमानों ने दोनों देशों के बीच संघर्ष के सातवें दिन हवाई हमलों की एक लहर के दौरान मध्य ईरान में निर्माणाधीन एक परमाणु रिएक्टर पर बमबारी की है। इजरायली सेना ने कहा कि उसने अराक भारी जल रिएक्टर के कोर सील को निशाना बनाया ताकि इसका इस्तेमाल परमाणु हथियार विकास के लिए न किया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि की है कि रिएक्टर पर हमला किया गया था और इसमें कोई परमाणु सामग्री नहीं थी। IAEA ने कहा कि ईरान ने अराक के कैलेंड्रिया या रिएक्टर कोर को हटा दिया है, और इसे अक्षम बना दिया है। मई के अंत में वैश्विक परमाणु निगरानी संस्था की नवीनतम तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि रिएक्टर में मामूली सिविल निर्माण कार्य चल रहा था, और ईरान को उम्मीद है कि इस साल इसे चालू कर दिया जाएगा और 2026 में इसका संचालन शुरू हो जाएगा।
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क्या है अराक हेवी वाटर परमाणु संयंत्र?
अराक हेवी वाटर रिएक्टर तेहरान से 250 किलोमीटर (155 मील) दक्षिण-पश्चिम में है। यह कथित तौर पर परमाणु रिएक्टरों को ठंडा करने में मदद करता है और प्लूटोनियम भी बनाता है। ईरान पर लगे प्रतिबंधों के बाद इसका निर्माण रुक गया था। 2015 में पश्चिमी देशों के साथ हुई संधि के बाद ईरान ने फिर से संयंत्र का काम शुरू किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल इसे शुरू करने की तैयारी थी।
अहम है IAEA की चेतावनी
हालांकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि वह ईरान के भारी जल उत्पादन की निगरानी ठीक से नहीं कर पा रही है क्योंकि ईरान ने निरीक्षकों पर कुछ पाबंदियां लगा दी हैं। IAEA के निरीक्षकों ने आखिरी बार 14 मई को अराक रिएक्टर का दौरा किया था।