मोहम्मद अज़हरुद्दीन के बेटे ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए राजनीति में प्रवेश किया है। मोहम्मद असदुद्दीन उन 69 महासचिवों में शामिल हैं, जिन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में पार्टी नेतृत्व द्वारा तेलंगाना कांग्रेस में नियुक्त किया गया था। असदुद्दीन रणजी ट्रॉफी मैचों में भी खेल चुके हैं और अब अपने पिता की तरह राजनीति में प्रवेश करेंगे। 35 वर्षीय असदुद्दीन की नियुक्ति हैदराबाद की जुबली हिल्स सीट के खाली होने के बाद हुई, जब विधायक मगंती गोपीनाथ की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
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इससे यह भी अटकलें लगाई जाने लगीं कि असदुद्दीन कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले उम्मीदवार हो सकते हैं। फिर नवंबर 2023 में तेलंगाना चुनाव में, अजहरुद्दीन जुबली हिल्स से कांग्रेस के उम्मीदवार भी थे, और वे मौजूदा विधायक के खिलाफ शुरुआती बढ़त हासिल करने के बाद बीआरएस के मगंती से 16,337 वोटों के अंतर से हार गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से लोगों की सेवा करूंगा और उनके साथ रहूंगा। अगर मैं लोगों के जीवन में कुछ बदलाव ला सका, तो मुझे बहुत खुशी होगी।”
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अपनी नयी भूमिका को ‘‘बड़ी जिम्मेदारी’’ बताते हुए असदुद्दीन ने कहा कि वह पार्टी की विचारधारा के अनुरूप काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद कांग्रेस के मूल्यों के प्रति लड़ने के लिए राहुल गांधी की प्रशंसा की। उन्होंने 15 वर्ष से राजनीति में सक्रिय अपने पिता को भी प्रेरणास्रोत बताया। मुरादाबाद से पूर्व लोकसभा सदस्य अजहरुद्दीन ने 2023 में जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र से तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने क्रिकेट क्यों छोड़ दिया, असदुद्दीन ने कहा कि एक खिलाड़ी का करियर छोटा होता है और सफलता में समय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की बहन अनम मिर्जा से विवाहित असदुद्दीन ने कहा, “मुझे लगा कि क्रिकेट में मेरा समय खत्म हो गया है। मैंने सोचा कि मैं कुछ और करूं, जिसमें मेरा जुनून हो।” जब असदुद्दीन को तेलंगाना कांग्रेस का महासचिव बनाया गया तो यह अजहरुद्दीन के लिए ‘‘गर्व और भावनात्मक क्षण’’ था।